सबद-67

योगी प्रकरण

जो पै बीजरूप भगवान, तो पंडित का पूछो आन।

कंह मन कहं बुधि कहं हंकार, सत रज तम गुण तीन प्रकार।।

विख अम्रित फल फले अनेका, बौधा वेद कहै तरबे का।

कहैं कबीर तैं मैं का जान, को धौं छूटल को अरुझान।।

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