सबद-66

योगी प्रकरण

जोगिया के नग्र बसो मति कोई, जो रे बसे सो जोगिया होई।।

ये जोगिया को उल्टा ग्यान, काला चोला नहिं वाके म्यान।

प्रगट सो कंथा गुप्ता धारी, तामें मूल सजीवन भारी।।

वो जोगिया की जुक्ति जो बूझै, राम रमै तेहि त्रिभुवन सूझै।

अम्रित बेली छिन-छिन पीवै, कहैं कबीर जोगी जुग-जुग जीवै।।

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