सबद-65

योगी प्रकरण

जोगिया फिरि गयो नग्र मंझारी, जाय समान पाँच जहं नारी।

गये देसंतर कोई न बतावै, जोगिया उलटि गुफा नहिं आवै।।

जरि गयो कंथा धजा गइ टूटी, भजि गयो डंड खपर गयो फूटी।

कहैं कबीर ये कलि है खोटी, जो रहे करवा सो निकरै टोंटी।।

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