सबद-42

पंडितवाद प्रश्न प्रकरण

पंडित सोधि कहो समुझाई, जाते आवागमन नसाई।
अरथ धरम अउ काम मोक्ष कहु, कउन दिसा बसे भाई।।
उत्तर कि दखिन पूरब कि पछिम, सरग पताल कि मांही।
बिना गोपाल ठउर नहि कतहॅू, नरक जात दऊॅं काहैं।।
अनजाने को सरग नरक है, हरि जाने को नाहीं।।
जेहि डर से सभलोग डरतु हैं, सो डर हमरे नाहीं।।
पाप पुन्नि की संका नाहीं, सरग नरक नहि जाहीं।।
कहैं कबीर सुनो हो संतो, जहां का पद तहाँ समाहीं।।

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