सबद-60
माया प्रकरण
माया प्रकरण
माया मोह मोहित कीन्हा, ताते ग्यान रतन हरि लीन्हा।।
जीवन ऐसो सपना जैसो, जीवन सपन समाना।
सब्द गुरू उपदेस दीन्हों, तैं छांडहू परम निधाना।।
सब्द गुरू उपदेस दीन्हों, तैं छांडहू परम निधाना।।
जोति देखि पतंग हुलसै, पसू न पेखै आगी।
काल फांस नर मुगुध न चेतै, कनक कामिनी लागी।।
सेख सैयद कितेब निरखें, सुम्रिति सास्त्र विचार।
सतगुर के उपदेस बिना तैं, जानि के जिव मार ।।
करु विचार विकार परिहर, तरन तारन सोय।
कहैं कबीर भगवंत भजु नर, दुतिया और न कोय।।
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