सबद-98

सर्वधर्म परित्याग भजन प्रकरण

आव बे आव मुझे हरि को नाम, अउर सकल तजु कवने काम।
कहं तब आदम कहं तब हौवा, कहं तब पीर पैगम्बर हूवा।।
कहं तब जिमी कहाँ  असमान, कहं तब बेद कितेब कोरान।
जिन दुनिया में रची मसीद, झूठा रोजा झूठी ईद।।
सांचा एक अलह को नाम, जाको नई-नई करहु सलाम।
कहु दहु भिस्त ते आई, किसके कहे तुम छुरी चलाई।।
करता किरतम बाजी लाई, हिन्दू तुरक की राह चलाई।
कहं तब दिवस कहां तब राती, कहाँ तब किरतम किन उत्पाती।।
नहिं वाके जाति नहीं वाके पांती, कहैं कबीर वाके दिवस न राती।

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