सबद-90
शास्त्र ईश्वर भजन प्रकरण
संत महंतो सुमिरो सोई, जो काल फांस ते बांचा होई।।
दत्तात्रेय मरम नहिं जाना, मिथ्या साधि भुलाना।
सलिल मथि घ्रित कै काढि़न, ताहि समाधि समाना।।
गोरख पौन राखि नहिं जाना, जोग जुग्ति अनुमाना।
रिधि सिधि संजम बहुतेरा, पारब्रह्म नहिं जाना।।
वसिस्ट सिस्ट विद्या सम्पूरन, राम ऐसो सिस साखा।
जाहि राम को करता कहिये, तिनहुं को काल न राखा।।
हिन्दू कहैं हमहिं ले जारों, तुरक कहैं हमारो पीर।
दोऊ आय दीन में झगरैं, ठाढे़ देखैं हंस कबीर।।
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