सबद-79

आत्म उद्बोधन प्रकरण

कहहु हो अंबर कासो लागा, चेतन हारा चेतु सुभागा।
अंबर मध्ये दीसै तारा, येक चेता येक चेतवन हारा।।
जो खोजो सो उहवां नाहीं, सो तो आहि अमर पद माहीं।
कहैं कबीर पद बूझै सोई, मुख ह्रदया जाके येकै होई।।

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